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गोरमाटी भाषा गौरव दाड का करेरो


 गोरमाटी भाषा गौरव दाड का करेरो

         आज विज्ञान आन तंत्रज्ञानेर समिया छ.ये घडीम पेनारी वाते खाली मौखिक रेन चालेनी. मौखिक वाते लकण रकाडनू गरजेर छ. गोरमाटी पेनाती आजेताणू धाटीरो जिवन जगतो आयो छ. तांडो छोडन नवकरी,काम धंदेर निमतेती आपण जनाती गामेम वसेलागे जनाती गोरुरी वाते आपणेन भुलाती छ.

   धाटी परिवर्तनवादी छ.नवे जूने सब्देर सोबत भाषार जतरा (सायीत्य संमेलन) सालोबाद भराताणी जुने नवे सब्देर मळाभेट घडान लाणू घणो गरजेरो रच. कर्मचारी लकणी लकतानी साहेब बणरे पणन गोरमाटी भाषाम लकेन होटो सरकते दकावच.आंगळीप मोजे आतराज अधिकारी लोक सायीत्येर दळेम वाजरे छ.देका देकी कांयी का हेईनी गोरमाटी भाषाम लकते दकारे छ. यीज एक सबादानेर वात छ.घणो सायीत्य वजी भार आयेर बाकी छ.एकांदी स्मरणिका को क वैचारिक अंक को सतत चालू रकाडणू बुध्दीजीवी लोकुरो काम रच.सेनं चाव जसो प्रतिसाद मळीयेच हाणू केतु आव कोनी पणन आपण जे काम हातेम लाचा ऊ काम आखरीलगू करेर छ हानू ठरालिदेतो पच आचो एक दन प्रतिसाद आपणेन मळेन लग जावच. 

     याडी भेनेर मुंगामोलेर गीदे सामळन समजन ओर फोड काडेर जेनूनं जमच ओणूर सायीत्य एक उच्चकोटीरो सायीत्य करन वाजेन लग जावच.

हारे मांडवाम मछळो भराईय

विरार जतरा मारे घरेम आईये ....!

मळाव,नसाब,हसाब ये त्रीसुत्रीप तांडो चालतोतो.गीदेम कळच 

   नाचे कुदेर हामार धाटी

 आब जागे र भायार गोरमाटी ...!

      खरो तो सायीत्य चळवळ यी से चळवळेर जननी रच हानू के तरी चालच.लकी लकायी वाते जीवन जगेन प्रेरणा दच.

काई कमी र मारे सेवा भायाम,

का कोणी लके इतिहासेम...!

सेवाभायार यीच्यार सेर भलेर छ यी वात याडीभेनेर गीदेपरेन समजच. 

     सायीत्य चळवळ चलायेर छ येरसारू गीदेर आरत वतारतू आणू गरजेर छ. शासन अन प्रशासनेवाळेन गोरमाटी भाषार दखल लेनू पडेवाळो छ येरसारू आपणी भाषारो लेका जोका जतन रेणू गरजेर छ.

   आलम दनियामायी छो हजार बोली भाषा केरे छ. भारतीय संविधानेम आठवे सूचीम बावीस भाषान मलक मळो छ.आपण बोला जकोण भाषा कुणस,ओर जागा कत छ देसेम आपण भाषा कत यी भी समण घालणू लागीय. खरो तो आजभी गोरमाटी भाषान आठवी सुचीम जागा मळी कोनी छ.आपण यी हक्क मळायसरके वजी बणे कोनी छा आतरी वात खर छ. सायीत्येम गोडी दकाण पडेणी.

गोरमाटी पर रेदो धेन

गोरमाटी बाप-दादार देन

भुलाडी पड जाय भाषा तो

कुंण वळकीय गोरमाटी केन* देसेम गोरमाटीर एकज वळक बणावा. फक्त एकच नाम रेणू. ऊ

*गोरमाटी ...गोरमाटी... गोरमाटी....

           पेणार घडीम गोरमाटी भाषा यी लोकभाषा करण वाजरीती.जे गोरमाटी भाषा लोक भाषा र पच ओर गौरव दन का मनायेम आरो कोनी छ ,यी भी एक समण घाले सरीक वात छ. जेर जको भाषा गौरव दन कू मनावच, आलामामा मुहम्मद इकबाल 9 नोव्हेंबर येणूर जलम दनेर निमित्तेती बारा करोड लोक उर्दू भाषा गौरव दन साजरो करच. विष्णू वामन शिरवाडकर 27 फेब्रुवारी येणूर जलम दनेर निमित्तेती 9 करोड लोक मराठी भाषा गौरव दन करण साजरो करच. कवी गिडगू वैकट राममूर्ती 29 ऑगस्ट येणूर जलम दनेर निमितेती तेलगू भाषा गौरव दन करण साजरो करच. डॉ. मोतीरावण कंगाली 2 फेब्रुवारी येणूर जलम दनेर निमितेती गोंडी भाषा गौरव दन करण साजरो करच .गोरमाटी भाषा गौरव दन कुणसो करा?

  भाषा आन् प्रेरणास्रोतेपं आक्रमण किदे केलं तो समाज दिसाहीन वेजावच. भाषा आन प्रेरणास्त्रोत समाजेन आदरणीय भीमणीपुत्र मोवन नायक बापू क्रांतीसिंह सेवादास तोडावळो ता.14 नोव्हेंबर 2012 पुस्तक लकण वजाळेम लान समाजेन प्रेरणा मळाण दिने छ.गोरमाटी भाषाम एकेती एक सरस पुस्तक वजाळेम लाते छ.वरस 2016माई ये से वाते मुंड्याग मेलन गोरमाटी भाषा गौरव दन साजरा करेर ठराय. पणन ग्रंथ चळवळेर हसाबे ती

आपण सेर जबाबदारी छ की पुस्तक मोल लेण वाचणू. केणी कळो क कोनी कळो मालम छेई. जेण कळो ओ पुस्तक मोल लेतानी सायीत्य चळवळ गतिमान किदे ओणूर धन्यवाद. पणन कायी लोकूर माई सायीत्य चळवळ पेक्षा राजकीय वातेप घण गोडी दकावच.हेती भी समाज होटो आरोच हाणू वाटू करच. कायी सोबती भळण वरस 2016 माई कायी वाते काढे पणन आंग बढती कोनी किदे आतरा खरो छ.गोरमाटी भाषान संविधानेर आठवी सूचीम लायेसारू बापूर प्रयत्न करतो रो.गोरमाटी भाषा आठवी सूची म समावेस हेजाणू करनं बापू पत्रवेवार शासनेती किदे छ. बापूर लकणी यी गोरमाटी भाषा मान मळणू करनं शासनेती पत्रवेवारेती हारद करनं देतो र.यी वाते समजन आपण लारेर 2019 ती गोरमाटी भाषा गौरव दन करण भीमणीपुत्र मोहन नायक बापू जलम दन साजरो करेरो ठराय पणन कोरोना बिमारी वात चाव जसी घडी कोनी .वरस 2020 ती गोरमाटी भाषा गौरव दन केयर निरंतर चालू हेगो.

      गोरमाटी भाषा आन गोंडी भाषा बोलेवाळ लोक भारतेम मोठे प्रमाणेम आज भी छ. संविधानेर आठवी सुचीम आदिवासी आन विमुक्त जमातीर भाषान जागा मळनू काळेर गरज छ.आपणेज जर आपणी भाषार कदर छेनी तो पच सरकारेन तरी कतेती कदर रेवाळ छ.आपण लकेतो गोरमाटी भाषा न्याव मळच.

         शासन आन प्रशासनेवाळेन गोरमाटी भाषार दखल लेनू पडेवाळो छ येरसारू आपणी भाषारो लेका जोका जतन रेणू गरजेर छ.आपणो पेलो पुस्तक गोरमाटी भाषा लकणू पचच मराठी, हिंदी, तेलुगू, इंग्रजी भाषाम लकते रेणू. यी वाते कळी चाय.

   युरोप आन अमेरीकाम यीस करोड लोक गोरमाटी भाषा बोलेवाळ रच हानूज ता.३० डिसेंबर २०१३ र लोकमत पेपरेम मिलिंद किर्ती नामेर पत्रकार लकोतो. वजी एकवना ता.८ जुलै २०२३ न ए.बी.पी. माझा बातमी चॅनेलेप  दिकाळेम आय क भारत देसेम १९ करोड लोक गोरमाटी (बंजारा)बोलेवाळे छ.खरो तो आपणे गोरमाटी सब्देम भौगोलिक आन ऐतिहासिक संदर्भ मळतो छ करनं गोरमाटी भाषा केरेचा यी वाते हारदेम रेयसरीक छ.गोरमाटी भाषा माई लकणू कतो एक फकडीर धोळे धजा हेट आते रेणू.जनाच खरो गोर गणेर विकास घड सकच.

        आपण कतराक सायीत्य गोरमाटीम लकन मेलछांडे छा. यी भी तो समण घालेर वात छ. गोरमाटी भाषान न्याव मळणू. गोरमाटी भाषार मोल जना लकेपडेन, कर्मचारी अधिकारीन कळ जाय जना आतेर सरकारेन गोरमाटी भाषार दखल लेनूज लागेवाळो छ. बापूर जगणो कतो गोरमाटी भाषार सेवा करणो ठरोच.करनं दी एप्रिल भीमणीपुृत्र मोहन नायक बापूर जलम दनेर निमित्तेती वरसन वरस गोरमाटी भाषा गौरव दन यी कारीया चालणू- चलाणू आस आसा छ. गोरमाटी भाषा गौरव दन 

तथा आदरणीय भीमणीपुृत्र मोहन नायक बापूर जलम दनेर लाख लाख शुभेच्छा.

गणेश राठोड, करमठोट

संचालक, दमाळ प्रकाशन, चंद्रपूर

मो.9890221577

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