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महानायक वसंतरावजी नायक कौन थे--?

 


*महानायक वसंतरावजी नायक कौन थे?*

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    देश की महान परंपराओं और संस्कृति का जतन हजारों सालों से अपने पूर्वज करते आ रहे है ।  देश और समाज के प्रति स्वाभिमान जागृत होना जरूरी है, तब इंसान में एकता की भावना बढती है। यवतमाल जिले के गहूली तांडे में फुलसिंगजी नायक रहते थे। शिक्षा के बारे में लोगों में जनजागृति करते था।उनकी पत्नी का नाम हुनकीबाई थी।इस दम्पत्ति को बाबासाहेब और वसंतरावजी नायक ऐसे दो पुत्र थे। वसंतरावजी नायक आगे चलकर महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। वसंतरावजी नाईक को चौथी तक पढ़ाई के लिए पोरीयागड, उमरीगड, बान्सी,भोजला ऐसे चार गांवों में जाना पडा था।   1939 में कानून की डिग्री हासिल की।नागपुर से एल.एल.बी पदवी  जाके प्राप्त की है! और देश में इंसान के अंतर इंसानियत की सोच सामने रखते हुए, देश में शिक्षित ना होने के कारण जातिभेद बढ़ता जा रहा था, वसंतरावजी नायक साहब को इन जातिभेद कू नष्ट करना था, देश में जाति जाति के लोगों में झगड़ा होने लगे, तो देशों में इंसानियत का विकास नहीं हो पाएगा! इसलिए उन्होंने 1941 वत्सला घाटे नागपुर में रहनेवाली के साथ अंतर जातियों में शादी किया है! जाति भेद नष्ट होना चाहिए ऐ बात खुद अमल में लाने लगें,महानायक वसंतरावजी की बात है जातिभेद नष्ट करने वाले जनता को सोच विचार करने वाला बनाना चाहिए, तब मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र राज्य में सोच बढ़नी चाहिए इस तरीके से राजनीति कार्य करने लगे हैं, और खुद के अपने पुसद ताल्लुके से विकास कार्य करने लगे थे! कुछ दिनों में राजनीति बात सामने रखकर कार्य करने लगे और मध्यप्रदेश के मंत्रीमंडल शामिल हुए!कुछ कार्य देश के नौजवानों बदलाव लाना चाहिए! इसलिए 1953 में नौजवानों का परिषद दिग्रस में आयोजन करके इस नौजवान की सोच विचार में बदलाव करने लगा ! और समय के साथ युवक परिषद का कारवां दिन से दिन बढते जारे थे! सोनगढ़ जिला परभणी, चालीसगांव खानदेश इस जगह पर जाकर जागृति बढ़ाने का महत्व पूर्ण कार्य किया है! जागृति बढ़ने से अपने देश में शिक्षित बनेंगे और शिक्षित बनने के लिए पूरा भारत भ्रमण करने लगे उतना ही नहीं तो अलग-अलग जगह से जापान- नोकिया- चीन इन देशों में जाकर सभा संपन्न करने लगें थे, इन बातों को जब समझ कर आपने समाज के नौजवान के लिए शिक्षण संस्था की शुरुआत करनी पड़ेगी ये खुद से करना पड़ेगा! नौजवान के लिए 1960 में जनता शिक्षण प्रसारक मंडल की स्थापना किए! मगर 3 दिसंबर1960 में उनके पिता फुलसिंग नायक का देहांत हुआ ,दुखी होने लगे, समाज  में मेरे पिताजी के नाम से फुलसिंग नायक महाविद्यालय पुसद में कालेज निकालकर नौजवान उच्च शिक्षित बना पाऊंगा, देश के लिए समाज के लिए परिवर्तन आना जरूरी है ! ये सौच महानायक वसंतरावजी की थीं,साल1 मई 1960 में महाराष्ट्र निर्माण हुआ तब महानायक वसंतरावजी नायक साहेब सबको साथ लेकर देश का परिवर्तन होना चाहिए आयसा लगता था!  इस बात को ध्यान में रखते हुए सामाजिक शैक्षणिक और राजनीतिक कारवां बढ़ाते गई, सब बातों में मार्गदर्शन करनेवाले सामाजिक क्रांती के अधिनायक बळीराम पाटील मांडवी के है! समझने वाले परिवार के साथ में गुरू होना जरूरी है! अपने देश की जनता के लिए 3 दिसंबर 1963 को महाराष्ट्र राज्य का मुख्यमंत्री पद जिम्मेदार मिल चुकी थी, मुख्यमंत्री बनने के बाद में बचपन से अपने पिता की बात सुनते आया था, धर्म और वर्ण व्यवस्था को नकारने वाला बातें सुनकर आया था,गोरमाटी समाज का कोई धर्म नहीं है! निसर्ग की पूजा करने वाला समाज,*सेन साई वेस*  इन वजह से इंसानियत की सेवा करना हैं, आदमी तभी शक्तिशाली बनता है! झूठी बातों पर उनका कार्य नहीं किया है! इस देश में शक्तिशाली बनना है तो पढ़ना जरूरी है, जो पड़ेंगे ओ मजबूत बनेंगे, जो पड़ेंगे नहीं समाज कू स्वर्ग, पुनर्जन्म,भोंदू -साधु की दुकान चलाने के लिए कहेंगे! गलत लोगों की दुकानदारी बंद होनी चाहिए ,क्योंकि जब नांदेड़ जिले के बाजू में गंगाखेड तालुका में भाषण देते हुए  गोरमाटी भाषा में कहा *गंगा येवरी छ ,हात धोळो* गोरमाटी समाज में धाटी होती है! धाटी के प्रवाह में रहो, अलग मत करो कहते हुए, धाटी कू समझ करने वाले कुछ कर जाता है, इसलिए

गोरमाटी समाज में स्वतंत्र,समता, बंधुता, मानवता कू स्थान हैं! में राज्य का मुख्यमंत्री हु इसलिए ये सब बाते देना चाहिए! और गलत कू गलत बोलता हूं,वर्ण व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सब की दुकानदारी बंद होनी चाहिए सबके हाथों में काम होना चाहिए इसलिए सबको कुछ ना कुछ देना चाहिए, सबको साथ लेकर उन्हें राजनीतिक में सुशील कुमार शिंदे पोटनिवडणूक में सामने लाया था! और इस तरीके से 1972 में शरद पवार को मंत्रिमंडल और कैबिनेट मंत्री के लिए शिफारस किया है!  शिवसेना के बालासाहेब ठाकरे को सोच विचार करने के लिए खुद की एक पार्टी होनी चाहिए इसलिए खुद की एक महाराष्ट्र में राजकीय पार्टी रहनी चाहिए! इन सब लोगों कू आगे लाने का काम किया  है,इन बातों को एक बात सामने आती गोरमाटी में समाज संस्कृति संघटन मजबूत बनाथे है,जो अच्छी सोच रखता है, उनके साथ चलेंथे है,सबका का विकास होना चाहिए गोरमाटी समाज के खून में है,में रहूं या नहीं रहुं विकास कार्य बढ़ना चाहिए, सौच रखनेवाले महानायक वसंतरावजी नायक हैं,


  आज भारत देश में के बारे में जब अपन जानते हैं ,भारत देश में 18 वीं शताब्दी में व्यापारी करने के लिए मुंबई को आये थे , इसलिए मुंबई की जनसंख्या पढ़ते हुए एक बात ध्यान में रखते हुए व्यापारी संत सेवाभाया मुंबई में रुके थे *भाऊचा धक्का* कहते हैं भाऊचा धक्का आज भी पहचान है! और गोरमाटी भाषा में *भायारो धक्का* कहते हैं, इसलिए आज भी परिचित है, *व्यापार करनेवाले लोग कभी गरीब नहीं होते हैं!*  आर्थिक स्थिति के बारे में जानने हुए , 1971 साल में नवी मुंबई की निर्मिती करनी पड़ेगी, यह बात विधानसभाओं में रखी, नवी मुंबई को निर्माण करने लगें ये कार्य भूल नहीं सकते हैं, आज मुंबई का स्थान क्या है उसको निर्माण करनेवाला महानायक वसंतरावजी नायक इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए एक बात सामने आती हैं! जब नवी मुंबई के साथ-साथ अपने देश में 800 बोली भाषा है! लगभग इन भाषाओं में महाराष्ट्र में राजभाषा 1मे 1966 को राजभाषा मराठी की घोषणा की थी! संविधानिक मान्यता प्राप्त करनेवाले मराठी भाषा को बड़ा स्थान दिया है!  भाषा की मान्यता के साथो साथ साहित्य संस्कृति मंडल शब्दकोश की निर्मिति की हुई थी मगर 1973 को साहित्य समाज का आयेना होता है, आंखों से देखकर समाज की बढ़ोतरी होती है इसलिए उस साहित्य संस्कृतियों में मानव के लिए कायम रखने का घोषणा महानायक वसंतरावजी नायक साहब ने किया है, जो साहित्य ध्यान में रखते हुए आगे मराठी साहित्य संस्कृति कला बढ़ती होनी चाहिए! लोगों में किताब पढ़ने की जरूरत है, पढ़ने से लोगों में सोच विचार करते और अपने समाज में परिवर्तन लाते है, समाज में भाषा और साहित्य का योगदान बड़ा होता है,  भूलना नहीं चाहिए *जो समाज साहित्य और भाषा कू भूल जाता है ,उस समाज कू राज्य भूल जाता हैं*


हरित क्रांतीचे प्रणेते, आश्रम शाळाचे निर्माता,*महानायक वसंतरावजी नायक* साहब के जन्म दिन के अवसर पर नमन करते हुए आप कू शुभकामना 🙏🏻





गणेश करमठोट

दमाळ प्रकाशन,चंद्रपूर

मो.9890221577


संदर्भ ग्रंथ-

@वसंत विचार-प्रा ग.ह . राठोड

@हरित क्रांतीचे प्रणेते वसंतराव नायक -जनतारा रवि राठोड 

@ सेवालाल कोण होता? -कॉ.उत्तम राठोड

@ वाते मुगा मोलारी२- भीमणीपुत्र मोहन नायक

@ गोर बंजारा राज - डॉ.राजकुमार राठोड

@ वसंतराव नायक विशेषांक २०१८ संपादक - श्रावण राठोड


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