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Whatup र दनिया


 

*वॉट्साफ की दुनिया*

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            वॉटसफ की दुनिया  बढ़ी रंगीली हैं यहा चोर,लफंगे लोग,आदर्शवादी बन जाते है। यहा प्रसिद्धी की कोई जरूरत नहीं पड़ती,आदर्श बनने के लिए संघर्ष नही करना पड़ता लोग ही उन्हें समाज सेवाओं का दाखिला दे देते है।

यहा समाज की समस्या का समाधान नही होता , लोग ही समस्या ग्रस्त है। पाच हजार का मोबाईल हो, या एक लाख  वॉटसाफ,फेसबुक उनके लिए एक समान है। अंडसे निकला हुआ बच्चा बाप को सिकाता है। सामाज की बाते करने वाला समाज सेकव बन जाता है।  रात मे बीबी के साथ लड़ने वाला सुबह वॉटसाफ, फेस बुक, पर शादी का सालगिरा मनाता है। यहाॅ प्रसिद्धि के लिय साधनो  की,  जरूरी नही होती सिर्फ जेब में मोबाईल होना चाहिए।

           करोना काल मे भुके लोगों के हाथ मे एक, एक केला देते हुये समाज सेवक लोगो को हमने वॉटसफ, फेसबुक पर देखा है। एक रुपया  केले की किमंत वाले समाज सेवक किसी मंच पर गुलदस्ता लेते हुये  उन्हीं के फोटो  वॉटसाफ, फेसबुक पर चर्चा का विषय बन चुका है। वॉटसाफ की दुनिया में रहने वाले लोगों को क्या पता सचमें वो, समाज सुधारक है या नही, झुटे वादे, गलत तरीके से लिखान करने वाले लोग समाज सुधारक का प्रमाणपत्र प्राप्त कर लेते है।

काम करने वाले मजदूर और   खेतीहार किसानों के साथ फोटो खीच लेना  मै उन्हीं लोगो के साथ हु करके वॉटसाफ, फेसबुक पर फोटो लोड़ कर देणा, इतना ही नहीं तो समय मिला तो, रिस्तेदारो की शादी मे या अपने गाँव में समाज की बुजूर्ग महिलाओ के साथ फोटो  खिचलेना, मै उन्ही का सन्मान करता हूं आदर करता हु समाज  संस्कृती पर मुझे गर्व है, दो,चार शब्द  लिखकर फेसबुक पर बार बार लोड करना  यह   समाज सुधारक कहने वाले लोगों का हर दिन का धंदा बन चुका है।  बहूत सारे समाज सुधाक है, वॉटसाफ,  फेसबुक पर फेमस है। नागपूर से दिल्ली तक गल्लो, गल्ली मे समाज सुदारक लोग दिखाई देते है।

               इस रंगीली दुनिया में हम क्या कर रहे है हमारा अस्तीत्व क्या है हमे क्या करना चाहिए क्या नही करना चाहीए सामाज को किस दिशामें हम ले जा रहे है इस बात से समाज सुधार लोंगो को कोई फरक नही पडता है। खुद को समाज सुधारक कहने वाले समज सेवक उनकी औकात सिर्फ वॉटसाफ, फेसबुक तक ही सिमित है। कभी यह लोग तांडा, तांड ( गांव , गांव) जाकर कभी समाज प्रबोधन या समाज जागृति का कार्य या अंधविश्वा, अंधश्रद्धा निर्मूलन का कार्य किया है क्या? समाज रूढी, परमंपरा , कुसंस्कार, जनिन मानसिकता, बुवाबाजी, पर इन लोगो ने कोई ठोस कदम उठाया है या सिर्फ अपने नाम के सामने समाज सेवक लिखना।

                  इस रंगेली दुनिया मे बहुत सारे छुपारु लोग है, वॉटसाफ पर  साहित्यका परिपाट पड़ाते है।  वो कवी है, लेखक है, कॉफि पेस्ट करने मे माहिर है। लोग भी, बीना सोचे समझे हाथ अंगठा या फूलो का बरसात करते हुए वॉटसाफ, फेसबुक पर दिखाई दे रहे है और कॉफि पेस्ट कवी, लेखक का हौसला बढ़ा रहे है। कुछ ऐसे  लोग है, वो कभी, कभी फेस बुक वाट्साफ पर उनकी झलक दिखाई देती है।  सेवालाल महाराज, नायक साहेब जयंती के अवसर पर सामने आ जाते है।  फोटो निकाल लेना न्यूज़ पेपर या टेलीविजन पर प्रसारित करना मै कितना समाज भक्त हूँ, समाज सेवक हूँ खुद ही प्रसिद्धी कर लेना इनके अलावा बहुत सारे लोग है,  अपना जन्मदिन सादी सालगिरा बच्चे का जन्मदिन वॉटसाफ पर ही मना लेते है। किसी की बीबी का जन्मदिन हो, या खुद या बच्चे का ग्रुप के कुछ अपने साथियो को फोन करके बोलते है कल तेरी भाभी को जन्मदिन है फूल दे के जन्मदिन दिन मुबारक कर देना। कुछ लोग ऐसे भी है, अपने जन्मदिन दिन पर लिखकर दूसरों को कहते है, भाई कल मेरा जन्मदिन है  अपना नाम लिखा है सुबह की पहिली किरण पहिले वॉटसाफ पर डाल देना। हर दिन प्रति दिन जन्म दिन का सिलसिला चलता ही रहता है।  कुछ लोक गृप छोडकर चले जाते हैं। एडमिन साहब गृप छोडने वाले लोगों पर नजर रखते हैं और कुछ देर बाद अपने गृप मे सामिल कर लेते हैं। 

                वॉटसाफ पर हर दिन,  जन्मदिन को लेकर व्यक्तियों या व्यक्तिवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। समाज परिवर्तन, समाज के महापूरूष के विचारों को कहिना, कही रोक लगाने का प्रयास किया जा रहा है।  वॉटसाफ पर समाज विचारधारा,  समाज परिवर्तन कि बाते सिर्फ कहने या लिखने के लिए ही है। समाज के नाम पर व्यक्ति क्षेष्ट या विशेष व्यकि को महत्व दे रहे है। इसी बात को हमारे समाज के वैचारिक विचारों का प्रचार- प्रसार करने वाले या स्वयंसेवक, समाजसेवक के नाम पर  सामाजिक संघटन चलाने वाले लोक भी विशेष व्यक्तियों को महत्व दे रहे हैं। संस्कृति का विकास, समाज परिवर्तन महापूरूषों का विचार धारा समाज के लोगों तक पोहचाने का काम शोसल मिडिया चलाने वाले लोगों काहि है। हर दिन वॉटसाफ पर लोगों का जन्मदिन मनाने बजाय हमारे मौलिक अधिकार क्या है और इस राज्य कि व्यवस्था मे हमारा स्थान कहां है यह सोचने का समय है ना  किसी को है | वॉटसाफ पर सफर करने वाले समाज सेवक या समाज के नाम पर संघटन चलाने वाले लोगो से उमीद नही कर सकते हैं वो समाज परिवर्तन या समाज का विकास कर सके |

            --- अशोक पवार नागपूर

                   (9850441005  Wat )

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