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मूलनिवासी गोर माटी



 *काकडवांदा*


*मूलनिवासी गोरमाटी बोलीभाषक गणसमाजेर 'हासाब नीती/अर्थ व्यवस्था!-*


"जेर घरं "तांगडी"(नवलेरी) आमेली वीये आसे कटमाळेर वेटापं गेरेर भागामाईर ओ कटमाळेर मालकीर एक भागासह आजी एक दुसरो भागा पडच्.ये दूसरे भागामाईर आदो भागा तांडेर गेरीया आन् गेरणीर वेटापं जावच् आन् आदो भागा ओ कटमाळेर वेटापं जावच्. 

                एकंदरीत तांगडीवाळेर कटमाळेर वेटापं डोड भागा जावच्. 

         ई छ गोरमाटी बोलीभाषक गणसमाजेर आदिम अर्थ व्यवस्था/"हासाब नीती".

           "हासाब"ई गोर धाटीर 'नसाब,मळाव' ये गणसभा माईरो एक मोलेरो सदन छ. 

          गोर धाटीमाईर "नसाब,हासाब,मळाव" ये सदन गोरमाटी बोलीभाषक गणसमाजेर "स्वतंत्र गण राज्येर" एकमेव चित्ताणी छ. 

       गोरमाटी बोलीभाषक गणसमाजेर ये आदिम जीवनशैलीर स्वतंत्र अस्तित्वेर ओळख   लिपीबद्ध वेणू गरजेर छ. 

         "गण जीवन" Tribe पद्धतीर आसे वणान वयीवाट आज भी तांड़ो जतन करन मेलछांडो छ...!!

          सिंधू धाटी ते इंग्रज काळेताणू भारतीय गोरमाटी बोलीभाषक गणसमाज ई ये देशेरो अर्थिक पाया रं.ये देशेर दळणवळण व्यवस्था ई गोरमाटी गणसमाजेर तांडेर ताबेम रं,येनं 'लदेणी'केतेते.

         लदेणी ई भटकंती वे सकेनी ये लदेणी व्यवसायेपरेनं कावेबाज इतिहासकार गोरूनं Nomadic Tribe केन भारतीय गोरमाटी बोलीभाषक गणसमाजेर 'Indigenous/मूलनिवासी' ये आईडिन्टिटीपं आघात कीदे.भारतीय गोरमाटी बोलीभाषक गणसमाजेर मूळत्वेपरेर ई पेल चोट ठरगी.

           प्राचीन भारतेर इतिहासेमाईर पेलो लिखित दस्तऐवज इण्डिकामं युनानी राजदूत मेगॅस्थेनिस गोरमाटी बोलीभाषक गणसमाजेर नोंद "चारवाहे" करन करमेलो छ.

         भारतीय गोरमाटी बोलीभाषक गणसमाज ई फगत गावडी बळदज चरायेसारू चारोपाणी धूंडतो फरतो भटकंती करतोतो कांयी?

         ई इतिहास घातक प्रवृत्ती  भारतीय मूलनिवासी गोरमाटी बोलीभाषक गणसमाजेर मूळत्वेपं आघात करेवाळ कावेबाज नीती ठरगी. 

            युनानी राजदूत मेगॅस्थेनिसेनं ई चुकीर माहीती पुरायेवाळो ई दुभाषी कुण?प्राचीन भारतेमाईरो पेलो लिखित दस्तऐवज "इण्डिका" गायब का छ? ई एक स्वतंत्र सोजारो विषय छ. 

           आतेर कावेबाज व्यवस्था भारतीय गोरमाटी बोलीभाषक गणसमाजेर "इंडिजिनस/ॲबोरिजिनीज"ई आईडिन्टिटी नष्ट करेसारू "जमात,भटक्या,निराधिसूचित जमाती" आसे संबोधन हेतूपूर्वक लादमेले छ. 

        'जमात'ई सब्द युरोपियन वसाहतवादेर जननी छ हानू वारसेक अभ्यासक केमेले छ. 

           ईस्ट इंडिया कंपनीवाळ  भारतेमं युरोपियन वसाहतवाद निर्माण करताणी भारतीय जनतार "पूर्व-वासाहातिक राज्य" Pre - calonial state  आन् "राष्ट्रीय राज्य"Nation state हानू विभागणी करताणी भारतीय मूलनिवासी लोकगणेनं Pre -calonial state कतो " पूर्व वासाहतिक राज्येमं वर्ग करताणी जमात वाचक Tribe ई संज्ञा देताणी ओनेर मूळत्वेपं चोट पाडे,गोरमाटी बोलीभाषक गणसमाज भी येनं आपवाद छेई.मूलनिवासी गोरमाटी बोलीभाषक गणसमाज कती 'जमात तो कती 'निराधिसूचित जमात'करन गणारो छ.'जमात'ई मूळत्व नाकारेवाळ  संज्ञा छ. 

         आपणो सोतारो वेगळो अस्तित्व जोपासन संघटीत रेन धाटीरो जीवन जगेवाळो गोरमाटी बोलीभाषक 'गोरमाटी/बणजारा गणसमाज ई भारतीय जनजीवनेमाईरो एक स्वतंत्र आदिम गणसमाज छ. 

      भारतेरे सांस्कृतिक संघर्षेमं  गोरमाटी बोलीभाषक गोरमाटी/बणजारा गणसमाज ई आपणे स्वतंत्र अस्तित्वेर आदिम ओळखीसह जीवतो रीये क्,सांस्कृतिक संघर्षेमं आपणे स्वतंत्र अस्तित्वेर "आदिम गणसमाज" ई मूळत्वेर ओळख गमान बेस जाये? ई प्रश्न निर्माण वेरो छ. 

            ई संभाव्य सांस्कृतिक संघर्ष धेनेम लेन "संयुक्त राष्ट्र संघ" मूलनिवासीर व्याख्या निश्चित करमेलो छ.घटनाकारेर संविधान भाग ३ - मूलभूत हक्क - अनुच्छेद २९ (१) ई भी घणो मोलेरो छ. 


*संयुक्त राष्ट्रसंघेर मूलनिवासीर ओळख-*


१, वडिलोपार्जित गणराज्य

२, वसाहत पूर्व समाज रचना

३, ओनेर मूळत्वेर नाळी ओळख

४, मूलनिवासी गणेर ऐतिहासिक पार्श्वभूमी

५, ओनेर वांशिक ओळख


         संयुक्त राष्ट्रसंघेर मूलनिवासीर व्याख्मार कसोटीमं गोरमाटी बोलीभाषक गणसमाज तंतोतंत खरो उतरच्..!! 

       


संदर्भ-

पताना

लटारी कपडे मडावी



            *भीमणीपुत्र*

    *मोहन गणुजी नायक*

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