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वारे मानव तेरा स्वभाव


वाह रे मानव तेरा स्वभाव….
।। लाश को हाथ लगाता है तो नहाता है … 
पर बेजुबान जीव को मार के खाता है ।।———-
यह मंदिर-मस्ज़िद भी क्या गजब की जगह है दोस्तो. जंहा गरीब बाहर और अमीर अंदर ‘भीख’ मांगता है..———-

विचित्र दुनिया का कठोर सत्य..बारात मे दुल्हे सबसे पीछे और दुनिया आगे चलती है, मय्यत मे जनाजा आगे और दुनिया पीछे चलती है..यानि दुनिया खुशी मे आगे और दुख मे पीछे हो जाती है..!———-
अजब तेरी दुनिया गज़ब तेरा खेल!मोमबत्ती जलाकर मुर्दों को याद करना और मोमबत्ती बुझाकर जन्मदिन मनाना…———-
लाइन छोटी है,पर मतलब बहुत बड़ा है ~ 
उम्र भर उठाया बोझ उस कील ने … और लोग तारीफ़ तस्वीर की करते रहे ..———-
पायल हज़ारो रूपये में आती है, पर पैरो में पहनी जाती है और….. 
बिंदी 1 रूपये में आती है मगर माथे पर सजाई जाती है इसलिए कीमत मायने नहीं रखती उसका कृत्य मायने रखता हैं.———-
एक किताबघर में पड़ी गीता और कुरान आपस में कभी नहीं लड़ते, और जो उनके लिए लड़ते हैं वो कभी उन दोनों को नहीं पढ़ते….———
-नमक की तरह कड़वा ज्ञान देने वाला ही सच्चा मित्र होता है, मिठी बात करने वाले तो चापलुस भी होते है। इतिहास गवाह है की आज तक कभी नमक में कीड़े नहीं पड़े। और मिठाई में तो अक़्सर कीड़े पड़ जाया करते है…———

-अच्छे मार्ग पर कोई व्यक्ति नही जाता पर बुरे मार्ग पर सभी जाते है…… 
इसीलिये दारू बेचने वाला कहीं नही जाता , पर दूध बेचने वाले को घर-घर, गली-गली, कोने-कोने जाना पड़ता है ।———-
दूध वाले से बार -बार पूछा जाता है कि पानी तो नही डाला ? पर दारू मे खुद हाथो से पानी मिला-मिला कर पीते है ।———-
इंसान की समझ सिर्फ इतनी हैं कि उसे “जानवर” कहो तो नाराज हो जाता हैं और “शेर” कहो तो खुश हो जाता हैं!

 
 



 


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