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बंजारा आणी बणजारा,उच्चार लिपीरो घोळ-


 *काकडवांदा-*


*उच्चार लिपीरो घोळ-*


*बंजारा/बणजारा..?*


"भारतीय भाषांचे लोकसर्वेक्षण - महाराष्ट्र" ये ऐतिहासिक खंडेर प्रकाशनेरवणा जनारो प्रधानमंत्री मा.मनमोहनसिंग कोतो क्, "सातत्येती भाषारो संशोधन वेतो रो केलं तो भाषारो अस्फुट बलस्थान प्रकट वच्".कतरी मुंगा मोलार वात छ ई..!

        पणन् दुर्दैवेती 'भाषा विज्ञानेर डीलेती गोरमाटी बोलीभाषारो अभ्यास करेमं हाम कती तरी कम पडरे छा, ई गोरमाटी बोलीभाषारो दुर्दैव... 

            आबेताणू हाम *बंजारा* ई चुकीरो सब्द झलमेले छा. *बंजारा आन् बणजारा* ये दी आरतेर दी सब्द छ.ई भाषाविज्ञान भी हामारे धेनेम आरो कोनी छ. 

            'भाषा केनं केणू?'येर बारेमं सुप्रसिद्ध भाषावैज्ञानिक सोस्यूर कच् क्,"भाषिक व्यवस्था ई ध्वनिरुप आन् अर्थरूप ये दोयी रुपेनं जोडेवाळ एक चिन्ह व्यवस्था रच्.ध्वनी आन् आरत ये दोयीमं सांगड घालेवाळे चिन्हेर व्यवस्था कतो भाषा'.(भाषाविज्ञान आणि मराठी भाषा- डॉ.अनिल गवळी) 


*बंजारा* ई सब्द "गोरमाटी वा बणजारा/बनजारा गणसमाजेनं लागू वे सकेनी. वा गोरमाटी भाषार कसोटीम भी उतरेनी. 

       इंग्रजी भाषामं *ण* ई अनुनासिक वर्ण उपलब्ध छेई जेती अनुवादेमाईती *बंजारा* ई चुकीरो सब्द प्रचलित वेमेलो छ..!! 


             भाषावैज्ञानिकेर डिलेती गोरमाटी बोलीभाषारो संशोधन वेणू गरजेर छ. ओर सवायी गोरमाटी बोलीभाषानं भाषारो दर्जा मळणो मसकल छ...!!



              *भीमणीपुत्र*

       *मोहन गणुजी नायक*


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