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विमुक्त दिन


 ३१ आगस्ट"......... विमुक्त घूमंतू जनजाती का विशेष मुक्ति दिवस "विमुक्त दिन

    

अंबरसिंग बन्सी चव्हाण.--- ९८६९९९६७२१


💥 *विमुक्त घुमंतू जनजाति यो... ... जागो, अपने संवैधानिक अधिकार के लिए लढो!*


💥 *विमुक्त घूमंतू जनजाती को संविधानिक संरक्षण आरक्षण मिलना ही चाहिए*


💥 *महाराष्ट्र राज्य मे विमुक्त प्रवर्ग का वैधानिक आरक्षण चुराने वाले एवम होने वाली घुसखोरी बोगसगिरी को रोकने के लिए एस. आय.टी. का निर्माण किया जाए*


💥 *दर्जेदार शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा, निवास और उचित रोजगार मिलना हमारा संविधानिक अधिकार है.*


💥 *अपने हितचिंतक कौन? ईसकी पहचान करो! सोचो समझो जानों पहचानो सोच विचार करने वाला बनो!!*


     💥    *सहकारी यो, हमें कल भी धोखा दिया गया और आज भी फंसाया जा रहा है, लबाड लोमंडी और धुर्त भेडीयो के चुंगुल से दूर रहने की आवश्यकता है*


💥 *स्वयम को धर्म और जाती के ठेकेदार समझने वाले समग्र जातीगत जनगणना होनी चाहीए ईस पर चुप क्यो है?*


💥 *CAA, NRC, NPR का आग्रह करने वाले जातीगत जनगणना पर चुप क्यो है?*

🎤  *भारत पर आक्रमण करने वाले परकीय आक्रमण कारी यो को रोकने वाले, आक्रमण कारी यो के साथ गनिमी निती से युद्ध करने वाले,परकीय आक्रमण से भारत को मुक्त कराने में अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले झुंजार कबीले आजादी के ७५ वर्ष के बाद भी अपने मानवी विकास के लिए जरूरी मुलभुत सुविधाएं,मुलभुत मानवी अधिकार और संविधानिक संरक्षण, आरक्षण की लढाई लढ रहे हैं*


*अंग्रेज तो परकीय थे, हमारे जुझारू और स्वाभिमानी कबीलों की जानकारी अंग्रेजो को देने वाले कौन थे? हमारे अपने जुझारू,लढवैय्या पुरखों की जानकारी अंग्रेजी हुकूमत को देनेवाले लोग वो थे,जो अंग्रेजी हुकूमत की गोद में बैठ कर बडे बड़े पदों पर कार्यरत थे, ईन्ही लोगों के जरिए आजादी की लढाई लढने वाले जुझारू कबीलों की जानकारी अंग्रेजी हुकूमत को मिली, और हम पर  जन्मजात गुन्हेगार का ठप्पा लगाया गया,  हमें जन्मजात गुन्हेगार बनाया गया,हमें बरबाद किया गया, सत्ता, संपत्ति, शिक्षा से वंचित किया गया. ऊस वक्त अपने आप को राष्ट्रभक्त , राष्ट्रप्रेमी कहने वाले,  समझने वाले , राजा महाराजा, बुध्दीजीवी, यो ने अंग्रेजी हुकुमत के ईस निर्णय का विरोध नही किया. यह बात हमे सदा सदा के लिये ध्यान मे रखनी चाहिए. आजादी के बाद भी ७५ वर्ष तक सत्ताधारी वर्ग ने हमें सामाजिक शैक्षणिक आर्थिक राजनैतिक न्याय से वंचित रखा गया है. चुनाव के वक्त हर बार हरा गाजर बताया गया, कयी कमीशन नियुक्त किए गए, लेकीन कमीशन की शिफारीसो पर आज तक अंमल नहीं हुआ, कुछ लाचार और बेबस स्वार्थी लोगों के जरिए ईन कबीलों से भावनात्मक रूप से धोखाधड़ी करने का सिलसिला आज भी जारी है.*


*गत ७५ वर्षों में जातीगत जनगणना न होने के कारण संविधानिक संरक्षण आरक्षण के लिए जरूरी सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, राजनैतिक विषमता की स्थिती के आवश्यक आकड़े उपलब्ध ना होने के कारण बजट में उचित हिस्सा आज तक नहीं मिला, न्याय व्यवस्था भी बिना आकड़ों के और वास्तविक स्थिती का ब्यौंरा प्राप्त ना होने के कारण हमें न्याय प्रदान करने में असमर्थता व्यक्त करती हैं*


*सहकारी यो, इसलिए सभी देशवासियों की समग्र जातीगत जनगणना होने की बेहद आवश्यकता है, आजादी के अमृत महोत्सवी वर्ष में सभी देशवासियों को लोकतांत्रिक गणराज्य का लाभांश मिलना ही चाहिए*


*जो राजनैतिक दल, एवम सरकार ऐसा नहीं कर रही है, ऐसे दलो को अपना किमती "वोट" ना दे. भारतीय संविधान ने जो अमुल्य मताधिकार का अधिकार हमें प्रदान किया है,ऊसका सही इस्तेमाल करें, आजादी के अमृत महोत्सवी वर्ष में अपना संविधानिक अधिकार, संरक्षण मिलना ही चाहिए, इसलिए सरकार को संवैधानिक रूप से बाध्य करे, यही विनम्र निवेदन है*🙏🏽


*जयभारत जयसंविधान*

अंबरसिंग बन्सी चव्हाण - ९८६९९९६७२१

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