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गोर बोली भाषा एक सैनिक छ


 *काकडवांदा-*


*भाषा कतो ऊ बोली जेर कनं सैन्य छ!*


*A language is a dialect with an army and navy*


                *- मॅक्स वाईनराईस*


                जो समाज इतिहास भूलच् छ ऊ षढ समाज इतिहास घडान ला सकेनी.'इतिहास एक प्रेरक सायीत्य रच्'.

           फरेंगी (पोर्तुगीज) सरकार १५० सालेर कनकनं गोवामं कोकणी बोलीभाषापं बंदी लामेलेते.कोकणीम लके बोलेरो केनी वजागरो कोनी रं;पणन् कोकणी बोली कनं जीवेपं जीव देयेवाळ सैन्य रं.ओ सैनिक कोकणी बोलीन आपण याडीभाषा करन 

घरगुती वेवारेमं कोनी कोनी कतो १५० वरस बोलती रकाडे.. ओनं मरे कोनी दीने..! 

          गोवा स्वतंत्र वेयेर बाद फरेंग्यान धासणो पडो.ओर पच्  मराठी भाषिक व्यवस्था कोकणी भाषार गळचेपी करेन लग्गी.कोकणी बोलीनं मंणेरो कडापो भोगेर पाळी आवगी,आसेही हालतेमं कोकणी बोली कनं रं जकोण सैनिक कोकणी बोलीर स्वतंत्र अस्तित्वेसारू संघर्ष जारी रकाडे. 

             ये भाषिक संघर्षेमाईती कोकणी बोलीनं "स्वतंत्र सायीत्यीक भाषारो दर्जा सायीत्य अकादमीनं देणो पडो.कोकणीर बोलीर सैनिकेरे जोरेपं कोकणी बोलीनं 'भाषा'करन ओरे मालकीरो मलक मळो.. आज कोकणी भाषा गोवा मलकेर मालकण वेन 'राज'कररी छ..!

           ई कोकणी भाषारो इतिहास गोरमाटी बोलीर सैनिक धेनेम लेलदे छ.ये गोरमाटी बोलीर सैनिक सोता पदरमोड करन गोरमाटी बोलीरो सायीत्य लकणीर प्रपंचेमं लारे छ.गोरमाटी बोलीनं "ग्रांथिक भाषा"करन भाषारे मुख्य प्रवाहेमं लायेसारू रातदन  मरमर करतू दकारे छ. ये सैनिकेर त्याग,भाषिक अस्मिता  वाया जायेवाळ छेई.गोरमाटी बोलीरो सायीत्य आज वजाळेम  लारे छ ई गोरमाटी बोलीभाषार सवारेर उज्वल भविष्य आन् भवितव्येर नांदी/पोऱ्या तारा छ,कोकणी भाषा नायी गोरमाटी बोलीभाषा भी सवारेर  समीयामं एकांदी मलकेर मालकण बणन् 'राज'करेवाळ छ ई त्रिवार सत्य..! 

             ई म कोनी बोलरो,मार कांयी ताकत आवडी मोट वात करेर? 

               मनं बोलायेवाळ ई एक नाळी अद्भुत शक्ती छ,तम भी आपणे समाज याडीभाषा ती जीव लगावो ऊ अद्भुत शक्ती तमनेन भी बोलावच्.भाषावैज्ञानिक ये शक्तीनं *विभाव* कच्. 

          संघर्ष ई सब्द गोरमाटी भाषिक लोकगणेनं नवो छेई. खुट्टा मुंगरीरे हत्यारेती वेर रमन आंग्रेज्यानं दबेटेवाळ हाम गोरमाटी छा.ये इतिहासेर प्रेरणा लेनं गोरमाटी बोलीर सैनिक आतेर भाषिक व्यवस्थाती लकणीरो हत्यार झलन दी हात करेन तयार वेतू दकारे छ. 

         ये सैनिक भलाई अल्पसंख्याक विये तरी येनेर भाषिक अस्मिता दुबळ छेई. गोरमाटी बोलीभाषानं बोलती,लकते रकाडेर ये सैनिक बेडो वटामेले छ. 

        चुलेमाईरो भेबरो जीवतो रकाडेपं जू आणाचकी वाळेर झुळुकेती ऊ भेबरो सळगन उटच्.

       जू आसेज भेबरर आंगारेती (भेबरो= भाषिक चळव) सवारेर गोरमाटी बोलीभाषिक क्रांतीर मशाल सळगेवाळ छ,आतरी वात खर..! 

      गोरमाटी बोली कनं आज जीवेप जीव देयेवाळ सैन्य छ ई घण आणदेर वात छ.ओनेनं मानेपानेती रकाडणो ई आपण सेर सामुहिक जबाबदारी छ. 


*याडी भाषार ये सैनिक, गोरमाटी बोलीभाषिक समाजेर दैवत छ!!!*

    

*सवारेर भाषिक क्रांतीर शिलेदार वो!!!*

        

             *भीमणीपुत्र*

   *मोहन गणुजी नायक*

       दि. २८.९.२०२२


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