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पथर बोल उठे,हेमू भुकिया



 हेमचंद्र  विक्रमादित्य ऊर्फ हेमू भूक्या राठौड़ जिसने दिल्ली में 30 दिन राज किया 22 युद्ध में विजेता प्राप्त की ऐसा वीर नर बहादुर का गुणगान हमारे बंजारा समाज के ढाडी भाट गुणगान गाते हे भुक्या दल्ली में राज करयो राठौड़ो री ज्योत सवाई ऐसा ढाड़ी गाता रहता है हेमू के जीवन कथा के बारे में इतिहासकारों ने मत भिन्नता है कोई अग्रवाल बताता है तो कोई हेमू को भारद्वाज बताता है कोई बनिया बकाल में कहता हु हेमू राठौड़ हे तो बनिया या ब्राह्मण नही हो सकता राठौड़ तो वो हे जो राजपूत या बंजारा आज में 8/7/22 को रेवाड़ी आया और साथ में हमारे मित्र डॉक्टर राहुल बंजारा के साथ में हेमू की हवेली देखी जहां ताला लगा हुआ था कब्जा किसी ब्राह्मणों का हे मुझे इस हवेली में फिल्म पत्थर बोल उठे की शूटिंग के लिए परमिशन हेतु आया था जानकारी मिली के यहां किसी को हवेली में प्रवेश नहीं हे बाद में में 12km दूर गड़ी बोलनी गांव गया जहां हेमू की छत्री दिखाई दी ये हमारी प्राचीन धरोहर है देख कर गौरव महसूस हुआ भारी दुख भी हुआ हेमू का स्मारक छत्री जर्जर रहित हे खराब हालत में खंडेर जैसा दिखाई दिया गांव के लोगो से पूछा तो सभी लोगो ने ये छत्री हेमू बंजारे की हे ये कुवा भी उसी ने खुदाया था गांव के लोग कुछ साल पहले यही से पानी भरके पीते थे 6खंभों की ये छत्री के बीच में ईटो से दीवाल बनाई गई अंदर गोडाउन जैसा दिखाई दिया थंपसप की बॉटल बिसलेरी के खोखे और कई समान बिखरे पड़े थे गांव से दूर न कोई देखने वाला है न कोई पूछने वाला छत्री की हालत देख कर ये प्रश्न उठता हे हेमू बनिया या ब्राह्मण था तो ये हेमू की छत्री की दुर्दशा क्यू हवेली के मालिक बन बैठे और हेमू की छत्री का कोई वारिश ही नही इस तरह हमारी कई धरोहर खंडेर बन चुकी जिनका इतिहास पत्थरों में दबा हुआ हे इसको बाहर लाने के लिए वीर महापुरुषों की कथा आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने बंजारा समाज के नेता बुद्धिजीवी ओ को एक विचार समिति इमारत के सर्वरक्षण के लिए बाहर आना होगा जो सरकार से आर्कोलाइज रिपोर्ट मालिकाना हक इतिहास की तारीखें ये जानकारी पहले लेनी होगी ऐसा मुझे इतिहासकार बुद्धिजीवी सन्मानिय रमेश जी आर्य ने कहा और ये बात सच है शाख बिना खत झूठा अभी एक नई फैशन निकल चुकी है जुलाई महीने में 10से 12 महापुरुषों की जयंती मनाई जा रही हे ये अच्छी बात है लेकिन ये तो पता करो लखी शाह का दिल्ली में कोनसे गांव में दाह संस्कार हुआ और। ऐसी कई बाते हे जो लाखा बंजारा और लखीशाह बंजारा अलग हे समय समय पर कई लाखा हुए इस पर एक दोहा हे लाखा जेडा लक हुआ अनड जैसा अठ हेमू हेडाऊ हलियों आयो न वठ ये कच्छ के इतिहास में लिखा है इसी कई कहानियां मनघड़त है कुता मार बंजारा रोया लखी शाह ने कभी कोई कुत्ता गिरवे नही रखा बंजारा कुत्ते को गिरवी रखने वाली कहानी 6 जगह पर चलती हे जिसमे मेने राजस्थान के बाघपुरा गांव में कुत्ते की छत्री शूटिंग किया इस तरह बंजारा समाज के कर्नल टाड बन बैठे मन से मनघड़त स्टोरीया छाप कर समाज को गलत मार्ग पर लेजाना चाहते हे मेरा प्रयास हमारा सच्चा इतिहास प्रमाणित जानकारी की गोल्डन डॉक्यूमेंट्री बनाई जिस समाज का इतिहास भुला दिया गया वो समाज कभी तरक्की नहीं करता इस लिए हेमू राठौड़ की छत्री और हवेली को इतिहास के पन्नो पर लाकर हेरिटेज संदेश देना यही मेरा मगसद हे

दिलराज बंजारा


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