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बाबा बल्लुसिंग /राव /राम /राय नायक (03/07/1640 - 15/04/1634) परमार वंशिय बिंजरावत गोत्र के थे


 बाबा बल्लुसिंग /राव /राम /राय नायक (03/07/1640 - 15/04/1634) परमार वंशिय बिंजरावत गोत्र के थे. राज भोज जो भारत वर्ष के महान राजा थे और वुनिके द्वारा बनाये ज्ञान पे हम चलते है. राजा भोज के बाद कि आठवी पीढी 1314 ई.स.वी.मे बिंझा से बने बिंजरावत बारह गोत पवांर जो लोहिया के बारा बेटे थे.
बाबा बल्लुसिंग /राव /राम /राय नायक रावमुलचन्द के बेटे थे बल्लुसिंग बडा बेटा था और वे सब 13 भाईयो का परिवार था. बल्लुसिंग को भि तेरा पुत्र और एक चौदावी पुत्री थी जिसका नाम माई मलुको था. बल्लुसिंग के पुत्र माईदास ने सिखी के लिये महान कार्य किये और गुरु तेगबहादर जी के साथ शहिद हुये थे इनका नाम सुवर्ण अक्षरो मे लिखा है. बल्लुसिंग के पोते मनिसिंग जी सिखीझम मे अतुलनिय कार्य किये है.वे सिखो मे सबसे महान शहिद माने जाते है. बल्लुसिंग के पडपोतो ने भि महान कार्य करके शहिदी प्राप्त कि है. बल्लुसिंग के भाई, बेटे, पोते, और पडपोतो ने जो कार्य किया है वो इतिहास मे किसी परिवार ने नही किया है. पुरे विश्व मे एसा परिवार नही है.
बाबा बल्लुसिंग /राव /राम /राय नायक कि पुत्री मलुकी बल्लुराय कि और सभि भाईकि लाडली थी, अकबर बादशाह कि नजर जब माई मल्लुको पर पडी और बादशाहा ने बल्लुसिंग के पास शादी का निहोता भेजा तो सभि बंजारे एक होकर इस प्रस्ताव को ठुकराया ओर ये ऐलान कीया हम अकबर से लढेगे पर बेटी नहि देंगे. वुसके बाद अकबर से दो लढाईया हुई. प्रथम लढाई मे अकबर के 12000 हजार सेना को बल्लुसिंग ने धुल चटाई वुसके बाद अकबर ने फिर दोगुना सेना भेजी दुसरी लढाई मे 24000 हजार सेना आई और बल्लुसिंग ने वुन्हे भि बहोत बुरितहा से हाराया. मुघल सल्तनत को ये समज आये के बंजारोसे टकराणा मेहंगा पडा बादशाह को राशद का भि नुकसान उठाणा पडा फिर अकबर ने बाद मे नरमाई ली. माई मलुको ने अकबर की भेट लि और उपदेश किया उसके बाद अकबर ने माई मलुको को अपनी बेटी मान लि. और माई मलुकी की शादी सुखीया मांडन राठोड से हुई.
17 पोह 1691 को लाहोर सुबा के मुघल फौज और मोहरी फौजदार इब्राइम ने सिखो का पिछा करते हुये गुरुजी को मराझ के नजदिक चारो और से घेर लिया था तब बाबा बल्लुसिंग /राव /राम /राय नायक के जमाई, माई मलुको के पती और शहिद मनिसंग के फुफाजी सुखीया मांडन राठोड ने अपनी शौर्यता का प्रदर्शन बताये हुये मोहरी फौजदार इब्राइम को मार डाला और खुद शहिद हुया.
जहॉगिर कि मौत के बाद शाहजहॉ गद्दी पर विराजमान हुये गुर घर के विरोधियो ने गुरु के खिलाफ शाहजहॉ को भडकाया और शाहजहॉ ने विशाख 1691 बि मे जब श्री हरिगोविंद साहिब जी ने अपनी बेटी वीरो कि शआदी का दिन रचा तो शादी के दिन मुघल फौज और मुखलिस खान गोरखपुरी के कमान नेतृत्व मे अमृतसर पर हमला कर दिया और वुसके साथ मुतजा खान भि इस जंग मे शामिल था, गुरु कि और से बाबा बल्लुसिंग /राव /राम /राय नायक इस जंग को जितने का बचन दिया और इस जंग मे फरीद खा उर्फ मुतजा खान को मार कर खुद शहिद हुये वे 94 साल कि उम्र मे ये जंग जितने वाले पहले अमर शहिद हुये.
सिख अरदास मे जिन बिबिऔ के नाम लिये जाते है वुनमे एक बाबा बल्लुसिंग /राव /राम /राय नायक कि पुत्री माई मलुको उर्फ बिबि माई भागो और माता सितो जि उर्फ बसंत कौर जो बाबा बल्लुसिंग /राव /राम /राय नायक के पोते मनिसिंग कि बिबि थी और पडपोता बचित्तर सिंग और उदय सिंग कि मॉ थी.
दयाला जी - श्री गुरु तेग बहादर जी के साथ दिल्ली मे शहिदी प्राप्त की. गुरु तेग बहादर जी ने भाई दयाल दास को मसंद भि थापा था जो कार सेवा के लिए उगराई करते थे. जो बाद मे लोका मसंद तेलंगणा ओर उनके भाईयोने परपरा निभाई है.
बचित्तर सिंग ने गुरुजी के आदेश दिया के अब हाथी से मेरा शेर लडेगा ओर बचित्तर सिंग मे शेर जैसी ताकद आ गई वुसने अपणे नागनी से हाथी को मार तो हाथी पागल होके अपनीही सेना के तरफ भाग गया.
मनिसिंग – श्री गुरु गोबिंद सिंग जी के दिवान तथा गुरु ग्रंथ साहिब के रचनाकार और महान शहिद भाई मनिसिंग जि जो बाबा बल्लुसिंग /राव /राम /राय नायक पोते थे.
पुरे विश्व मे बाबा बल्लुसिंग /राव /राम /राय नायक जैसा परिवार नही है. ना कभि होगा, इनके परिवार के 149 शहिद महायोध्दा हुये है.

गुआर ओर सिखो के महान परिवार बिंजरावत पवार

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